नई दिल्ली. पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत ने आतंकवादियों और उनको संरक्षण देने वाले पाकिस्तान को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी. 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादियों के शिविरों को मिट्टी में मिला दिया. पाकिस्तान ने जब भारतीय सैन्य बेस और आमलोगों को निशाना बनाने की कोशिश की तो इंडियन एयरफोर्स ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कुछ ही समय में पड़ोसी देश के 11 एयरबेस को टारगेट कर उसे व्यापक नुकसान पहुंचाया. भारत ने इसके बाद पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनाकब करने के लिए सांसदों और डिप्लोमेट्स की 7 टीमें बनाकर उन्हें दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजा. इंडियन डेलिगेशन ने अमेरिका से यूरोप तक का दौरा कर पाकिस्तान के काले चेहरे को दुनिया के सामने लाया. अब विदेश मंत्री ए. जयशंकर ने खुद कमान संभाल ली है. वे यूरोप की एक सप्ताह लंबी यात्रा पर निकले हैं. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के साथ ही आतंकवाद का मुद्दा भी एजेंडे पर रहेगा.
ऑपरेशन सिंदूर: अभी तो पाकिस्तान ने ट्रेलर देखा, अब खुद जयशंकर दिखाने जा रहे पूरी पिक्चर, जानिए प्लान?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार 8 जून 2025 को फ्रांस, यूरोपीय यूनियन और बेल्जियम के लिए रवाना हुए. वे यहां एक सप्ताह का वक्त बिताएंगे. इस यात्रा का उद्देश्य भारत की विदेश नीति में आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस के रुख को दोहराना और प्रमुख रणनीतिक साझेदारों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देना है. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाई की थी. उम्मीद है कि जयशंकर यूरोपीय नेताओं को सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति से अवगत कराएंगे.
एस. जयशंकर अपने दौरे की शुरुआत फ्रांस से करेंगे. फ्रांस को भारत का ‘ऑल-वेदर फ्रेंड’ माना जाता है. जयशंकर पेरिस और मार्सेई जाएंगे, जहां वे अपने समकक्ष यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री जीन नोएल बैरो से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. वे मार्सेई में हो रहे ‘मेडिटेरेनियन रायसीना डायलॉग’ में भी हिस्सा लेंगे. फ्रांस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में लगातार मजबूत हुई है और इस दौरे से इसमें और मजबूती की उम्मीद की जा रही है.
दौरे के दूसरे चरण में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ब्रसेल्स जाएंगे, जहां वे यूरोपीय संघ की हाई रिप्रेजेंटेटिव और उपाध्यक्ष काजा कैलास के साथ रणनीतिक वार्ता करेंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में विविध क्षेत्रों में मजबूत हुई है और इसे इस वर्ष फरवरी में यूरोपीय कमीशन के कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की भारत यात्रा से और बढ़ावा मिला है.’ जयशंकर यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संसद के सीनियर नेताओं से भी मिलेंगे और थिंक टैंकों और मीडिया से संवाद करेंगे.